जिला पदाधिकारी की आवश्यक निरीक्षण से डॉक्टरों दवा दुकानों तथा ड्रग इंस्पेक्टरों पर गिरी गाज
जिला पदाधिकारी पश्चिम चंपारण डॉक्टर नीलेश चंद्र देवरे कि आौचक निरिक्षण से गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज बेतिया में डॉक्टरों एवं अस्पताल कर्मियों में बेचैनी छा गई तथा निरीक्षण के क्रम में 20 डॉक्टरों की हाजिरी काटी गई तथा 3 दवा की दुकानों को सील कर दिया गया, साथ ही निरीक्षण के क्रम में गायब पाए गए ड्रग इंस्पेक्टर की वेतन बंद कर दिया गया। जिला पदाधिकारी के दो घंटों तक को अस्पताल के निरीक्षण के क्रम में डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों के बीच हड़कंप मच गई तथा साफ सफाई करने वाले कर्मचारियों एवं अन्य कर्मियों का जायजा लिया।
जिला पदाधिकारियों ने अपने निरीक्षण के क्रम में ओपीडी हलवे वार्ड बच्चा वार्ड ऑपरेशन थिएटर आईसीयू रूम मैं काम करने वाले डॉक्टरों अमाउंट नसों को एप्रन पहनने की सख्त हिदायत दी उन्होंने आगे कहा कि अगर दूसरी ने निरीक्षण के क्रम में डॉक्टर और नर्स आपको एपरन पहनते हुए नहीं देखा गया तो उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी उन्होंने आगे बताया कि एप्रन पहनना ही डॉक्टर एवं नर्सों की एक पहचान बनती है।
जिला पदाधिकारी पश्चिम चंपारण ने अस्पताल की भूमि पर रिटायर ढंग से अतिक्रमण करने वाले दुकानों मकानों झोपड़ियों को जल्द खाली कराने की आदेश दिया। जिला पदाधिकारी ने एम जे के कॉलेज अस्पताल के भवन निर्माण करने वाली एलएनटी कंपनी के पदाधिकारियों से जल्द से जल्द काम समाप्त करने के आदेश दिया इन्होंने अपने आदेश में एलएनटी कंपनी के पदाधिकारियों और कर्मियों को यह आदेश भी दिया कि भवन निर्माण के क्रम में गिराए गए मलबों की सफाई तुरंत कराएं ताकि काम करने में एवं मरीजों के आने जाने में कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़े।
जिला पदाधिकारी के इस औचक निरीक्षण से स्थानीय लोगों में काफी खुशी है मगर अतिक्रमण करने वाले दुकानदारों पर गाज गिर पडी है । स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर इसी प्रकार जिला पदाधिकारी द्वारा महीना में कम से कम एक बार भी और चक निरीक्षण किया जाए इस मेडिकल कॉलेज अस्पताल का काया पलट जाएगा तथा ड्यूटी करने वाले डॉक्टरों की भी गायब होने की परंपरा बंद हो जाएगी एवं दवा दुकानदारों की नकली दवा बेचने पर भी पाबंदी लग जाएगी। इस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में दलालों की इतनी संख्या बढ़ गई है के रोगी इन से परेशान रह रहे हैं। इन अस्पताल के दलालों के द्वारा मरीजों को बहकाकर प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों के क्लीनिक में पहुंचाना इनकी प्रतिदिन की नियति बन गई है, इतना ही नहीं इन दलालों के द्वारा नकली दवा बेचने वाले दुकानदारों के पास ले जाकर दवा की बिक्री कराने पर अच्छा खासा कमीशन मिल जा रहा है जिसे रोगियों का बीमारियों से छुटकारा नहीं मिल पा रहा है।
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