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मोतिहारी पूर्बी चम्पारण: शिक्षा विभाग का हैरतअंगेज कारनामा, 24 फर्जी शिक्षकों को देता रहा वेतन

शिक्षा विभाग का हैरतअंगेज कारनामा, 24 फर्जी शिक्षकों को देता रहा वेतन
मोतिहारी पूर्वी चंपारण जिला के शिक्षा विभाग अपने कारनामों के लिए हमेशा सुर्खियों में रहता है. 2002 में शिक्षा विभाग में हुए हैरतंगेज कारनामों की जांच करने निगरानी की टीम जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय पहुंची. जांच में पाया गया कि 24 ऐसे फर्जी शिक्षक हैं, जिनका न सर्विस बुक है, न ही शिक्षकों का नाम सही है और न ही पता सही है.
डीएसपी कुमोद रंजन सिंह के नेतृत्व में पहुंची निगरानी की टीम ने अधिकारियों और कर्मियों से पूछताछ किया. साथ ही कागजातों को खंगाला. इस कारण डीईओ कार्यालय में हड़कंप मच गया.
केवल स्थानांतरण पत्र के आधार पर फर्जी नाम और पते पर नियुक्त हुए 16 शिक्षकों के मामले की जांच के लिए निगरानी टीम पहुंची, तब यह मामला सामना आया. 24 ऐसे फर्जी शिक्षक हैं, जिनका न सर्विस बुक है, न ही शिक्षकों का नाम सही है और न ही पता सही है. लेकिन, उनके नाम पर सरकारी राशि का भुगतान वेतन मद में होता रहा.
दरअसल, मामला 2000 से 2003 के बीच का है. जब मात्र एक स्थानांतरण के आधार पर जिले में 24 शिक्षकों का योगदान विभिन्न विद्यालयों में करा दिया गया, जिन शिक्षकों की नियुक्ति ही नहीं हुई थी. शिक्षकों के योगदान कर लेने की जानकारी तत्कालीन प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी द्वारा जिला को दे दी गई. लेकिन, 2003 में तत्कालीन जिला शिक्षा अधीक्षक ने इस मामले से पर्दा उठाया और 16 फर्जी शिक्षकों के खिलाफ नगर थाना में मामला दर्ज कराया.
इसकी जांच निगरानी को सौंप दी गई. बाद में आठ ऐसे और शिक्षक चिह्नित हुए, जिनके ऊपर भी मामला दर्ज कराया गया. इस मामले में सबसे बड़ा आश्चर्य यह है कि आखिर इन शिक्षकों का स्थानांतरण पत्र किसके हस्ताक्षर से जारी हुआ. साथ ही ये कौन से शिक्षक हैं, जिन लोगों ने बिना नियुक्ति ही सरकार के राशि का वेतन के रूप में घोटाला किया है, जिसकी जांच में आखिरकार 16 सालों बाद निगरानी की टीम मोतिहारी पहुंची|
 
रिपोर्ट विजय कुमार शर्मा ibn24x7news बिहार

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