माफ़िया सिपाहियों के लिए रिपोस्टिंग बनी ब्रम्हास्त्र, थानेदारों की भी पहली पसंद बने माफ़िया सिपाही
जिलेे की पुलिस टीम में कुछ माफ़िया सिपाहियों की मजबूत पकड़ अप्रत्यक्ष रूप से अपराध को बढ़ावा दे रही है ये माफ़िया सिपाही अपने मुआफ़िक स्थान को किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ना चाहते, यह माफ़िया सिपाही अपने अपने उन स्थानों में इतनी मजबूत पकड़ बनाये हैं कि इनको टस से मस करना किसी भी जिम्मेदार पुलिस अधिकारी को भी मुश्किल पड़ जाता है, हालाँकि कुछ माफ़िया सिपाहियों के शिकायत पर तबादले हुए थे मगर इनको फिर रिपोस्टिंग के हथियार से पुनः उसी स्थान पर मौका मिल जाता है|
जहां ये पोलिसिंग के बजाय अपनी लूटनीति पर बदस्तूर कार्य कर रहे हैं। ऐसे ही कई उदाहरण हैं जब जिले की पुलिस टीम में अधिकारियों को गुडवर्क के नाम पर भ्रमित करके दो तीन सिपाही बार बार रिपोस्टिंग करवाकर आ जाते हैं फिर पूरे जिले में घूम घूमकर ये अवैध धंधों को संरक्षण देते हैं जिसमें पशु तस्करी प्रमुख है और पूरी टीम इन्ही तथाकथित सिपाहियों की वजह से ही बदनाम होती है।
इसी तरह कई थानेदारों की पसंद भी यही माफ़िया सिपाही होते हैं ये तबादले पर जिस भी थाने में जाते हैं अपने साथ अपने कमाऊ पूत को लेकर जाते हैं। इनमें गाजीपुर, ललौली हुसेनगंज, थरियांव, सुल्तानपुर घोष,औंग प्रमुख हैं जहां इन माफ़िया सिपाहियों की ही हुकूमत चलती है और ये अपने थाना क्षेत्र में अपरोक्ष रूप से थानेदारी करके कानून बेचते हुए अक्सर नजर आते हैं।वहीं अभी हाल ही में शिकायत पर टीम से हटे एक सिपाही को थरियांव में भी मोरम के ट्रैक्टर से वसूली व मारपीट पर लाइनहाजिर किया गया था जिसे पुनः टीम में स्थान देने से फ़तेहपुर पुलिस की किरकिरी हो रही है व एक और टीम का सिपाही थरियांव थाना क्षेत्र व औंग थाना क्षेत्र के एक ढाबे से पशु तस्करी को संचालित करवाता है जो फ़तेहपुर पुलिस के लिए बड़े ही शर्म की बात है।
बदनाम होने के बावजूद यही तथाकथित सिपाही बार बार अपराध नियंत्रण टीम के सदस्य कैसे बन जाते हैं ये अपने आप में आश्चर्य का विषय है ।
रिपोर्ट संदीप कुमार ibn24x7news फतेहपुर
Tags उत्तरप्रदेश फतेहपुर
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