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मिर्जापुर : मन संकुचित होने पर उत्पन्न होती हैं सामाजिक विकृतियां 

मन संकुचित होने पर उत्पन्न होती हैं सामाजिक विकृतियां 
मिर्जापुर । सिर्फ सीखने की आदत हो तो एक न एक दिन श्रेष्ठता अपने आप मिल जाती है । हमें सीखने के लिए भटकना नहीं चाहिए बल्कि देश के महापुरुषों के जीवन से, आसपास के रचनात्मक परिवेश से यहां तक कि कभी कभी अपने से छोटी उम्र के लोगों से भी ऐसी प्रेरणा मिलती है जो जिंदगी में टर्निंग प्वाइंट बन जाता है ।
महात्मा गांधी एवं लालबहादुर शास्त्री के क्रमशः 150वें तथा 115वें जन्मदिवस पर विंध्याचल मण्डल मुख्यालय पर तिरंगा फहराते उक्त उत्साह-भरे वाक्य बच्चों, नागरिकों, अधिवक्ताओं, अधिकारियों तथा कर्मचारियों के कमिश्नर श्री मुरलीमनोहर लाल ने भेंट किए । ध्वजारोहण के बाद मंडलीय सभागार के सांस्कृतिक कार्यक्रम में सुंदर-मुंदर इंटर कालेज की छोटी बच्चियों ने गांधी के प्रिय भजन ‘वैष्णवजन तो तेने कहिए, जो पीर पराई जानि रे’ ‘रघुपति राघव राजाराम’ तथा ‘सावरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल’ सुनाकर माहौल को गाँधीमय बना दिया ।
इस अवसर पर कमिश्नर श्री लाल ने सोच और इरादा बदलने पर जोर दिया तथा कहा कि ब्रिटिश हुकुमत के दौरान देश में सरकारी उत्पीड़न का अंतहीन सिलसिला था,बावजूद इसके समाज के लोगों में आदर्श एवं नैतिक मूल्यों के प्रति निष्ठा थी लेकिन अफसोस इसका है कि हम तरक्की तो कर रहे हैं परंतु मन संकुचित होता जा रहा है । मन का संकुचन समाज में विसंगतियां पैदा कर रहा हूं ।
सफाई करें और सफाईकर्मीको कर्तव्य के लिए प्रेरित करें ।
विचार-गोष्ठी में गांधी जी पर चर्चा हो तो सफाई-अभियान का जिक्र होना ही है । इस पर कमिश्नर श्री मुरलीमनोहर लाल ने कहा कि सफाई के प्रति समाज का हर शख्स जागरूक हो । उन्होंने कहा कि ऐसा न होने पाए कि क्षेत्र में तैनात सफाईकर्मी यह सोचकर निष्क्रिय हो जाए कि उसका काम दूसरे लोग कर देंगे । एक ताजा उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि सोमवार को शारदीय नवरात्र मेले संबंधित बैठक में एक तथ्य सामने आया कि मन्दिर की गलियों का कूड़ा नगरपालिका के सफाईकर्मी नहीं हटाते । प्राय: स्वच्छता अभियान में अधिकारी या अन्य प्रबुद्ध लोग हटाते हैं । उन्होंने कहा कि स्वच्छता अभियान का यह मतलब नहीं कि सफाईकर्मी ड्यूटी भूल जाएं ।
विकलांगों पर दया नहीं बल्कि अपनत्व दिखाएं
कमिश्नर ने कहा कि दिव्यांगों और कुष्ठरोगियों के प्रति सम्मान का भाव रखें । हीन समझकर उनकी मदद के बजाय उन्हें आत्म सम्मान से जगाएं । उन्होंने सिर पर मैला ढोने पर रोक की अपील की । महिलाओं के प्रति सम्मान, बच्चों के प्रति संरक्षण का सुझाव दिया ।
जय जवान-जय किसान से धरती लहलहाई
गोष्ठी में पूर्व PM श्री लालबहादुर शास्त्री के प्रति बोलते हुए उन्होंने कहा कि खाद्यान्न के घोर संकट से मुक्ति के लिए दिया गया उनका उक्त नारा प्रभावशाली सिद्ध हुआ था । इस अवसर पर वक्ताओं में अपर आयुक्त श्री सूर्यमणि लाल, साहित्यकार सलिल पांडेय, प्रेमकांत श्रीवास्तव, आद्या सिंह, शंभूनाथ तिवारी, गंगाराम यादव, कृपा शंकर मिश्र आदि वक्ताओं ने भी विचार व्यक्त किए । संचालन DG, स्टाम्प श्री ओ पी सिंह ने किया l
 
रिपोर्ट विकास चन्द्र अग्रहरि ibn24x7news मिर्जापुर

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