विजय कुमार शर्मा बिहार
सुपौल सदर प्रखंड के बलवा गांव के छह नाबालिगों छात्रों को बहला-फुसलाकर हरियाणा की एक प्लाई बोर्ड बनाने वाली फैक्ट्री में बेच देने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। मामले का खुलासा तब हुआ, जब इन बच्चों ने किसी तरह अपने परिजनों को फोन कर इसकी जानकारी दी। इन बच्चों के परिजन संतोष यादव, रवीन्द्र यादव और सिकेन्द्र यादव ने डीएम और एसपी को आवेदन देकर बरामदगी की गुहार लगायी है। सभी छात्रों की उम्र 12 से 15 साल है।
परिजनों का कहना है कि बच्चों को वहां बंधक बना लिया गया है। उन्हें न तो ठीक से खाना दिया जा रहा है, न ही घर आने के लिए छोड़ा जा रहा है। बच्चों से दिन रात-काम कराया जा रहा है। तबीयत खराब होने पर दवा भी नहीं दी जा रही है।
*आधार कार्ड लेकर छात्रवृत्ति लाने गये थे बच्चे*
परिजनों का कहना है कि लगभग एक महीना पहले उनके बच्चे छात्रवृत्ति का पैसा लाने आधार कार्ड लेकर स्कूल गये थे। इसी दौरान मधुबनी जिले के आंध्रामठ थाना क्षेत्र के छिटही निवासी बलराम यादव और ब्रह्मदेव यादव बच्चों को बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गये और हरियाणा के यमुनानगर स्थित सुग्री प्लाई बोर्ड में बेच दिया। जब वे छिटही गये तो दोनों भाई वहां से गायब थे। परिजनों का यह भी आरोप है कि जब आवेदन लेकर सदर थाना पहुंचे तो पुलिस ने केस लेने से इनकार कर दिया।
इस मामले में सुपौल डीएम बैद्यनाथ यादव ने बताया कि मामले की जानकारी मिलने पर एसपी को जांच का निर्देश दिया गया है। बच्चों की बरामदगी को लेकर जिला प्रशासन की टीम काम कर रही है। जल्द बच्चों को बरामद कर लिया जाएगा।
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