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बेतिया: दिव्यांगजनों के लिए कल चलंत न्यायालय का होगा आयोजन

बेतिया:दिव्यांगजनों के लिए कल चलंत न्यायालय का होगा आयोजन
बेतिया:-राज्य आयुक्त्त, निःशक्तता, डाॅ0 शिवाजी कुमार ने कहा कि दिव्यांगजनों को प्राथमिकता के तौर पर सहायता पहुंचाने हेतु सरकार कृतसंकल्पित है। सरकार द्वारा दिव्यांगजनों के लिए कई विकास एवं कल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। सुप्रिम कोर्ट द्वारा दिव्यांगजनों हेतु चलाये जा रहे कार्यक्रमों का अनुश्रवण किया जा रहा है। इसलिए इस कार्य में किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जायेगी।
उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों की सुविधा हेतु चलंत न्यायालय का गठन किया गया है। दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 की धारा-80 के अंतर्गत राज्य आयुक्त के द्वारा दिव्यांगजनों की समस्याओं का चलन्त न्यायालय के दौरान ही निष्पादन किया जायेगा। यह चलंत न्यायालय पश्चिम चम्पारण जिले में दिनांक-12 जून, 2018 को नगर भवन, बेतिया के इंडोर स्टेडियम में 10.00 बजे पूर्वाह्न से 5.00 बजे अपराह्न तक संचालित होगा। उक्त चलंत न्यायालय में दिव्यांगजनों के परिवादों की सुनवाई और निष्पादन का कार्य किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि दिव्यांगजन अपना आधार कार्ड, दिव्यांगता प्रमाण-पत्र एवं अन्य वांछित कागजातों के साथ चलंत न्यायालय में भाग ले सकते हैं। चलंत न्यायालय में जिला अंतर्गत सभी विभागों द्वारा स्टाॅल लगाया जायेगा जहां संबंधित विभाग के नोडल पदाधिकारी अपने विभाग के वांछित योजना/प्रतिवेदन के साथ उपस्थित रहेंगे। वे समाहरणालय सभाकक्ष में दिव्यांगजनों की स्थिति एवं संबंधित योजनाओं की प्रगति की समीक्षा के दौरान जिलास्तरीय अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा दिव्यांगजनों को अधिकार प्रदान किये गये है लेकिन अधिकार की उपयोगिता जागरूकता की कमी के कारण नहीं सिद्ध हो पाती है इसलिए दिव्यांगजनों को प्राथमिकता के तौर पर विशेष सुविधा प्रदान करनी होगी। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा विकास एवं कल्याणकारी योजनाओं में 5 प्रतिशत निधि विशेष तौर पर दिव्यांगजनों के लिए कर्णांकित की गई है जिसका अनुपालन सभी विभागों के कार्यालय प्रधान द्वारा की जानी है।
उन्होंने बारी-बारी से सभी विभागों के जिलास्तरीय पदाधिकारियों से दिव्यांगजनों के लिए क्रियान्वित की जा रही योजनाओं की जानकारी प्राप्त किया और सरकार के निदेशों से अवगत कराया गया। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों की शारीरिक लाचारी को देखते हुए ही यहां उनके बीच आकर ही चलंत न्यायालय का आयोजन किया गया है।
राज्य आयुक्त्त द्वारा सिविल सर्जन को चलंत न्यायालय में ही दिव्यांगजनों की जांच कर दिव्यांगता प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने हेतु सख्त निदेश दिया गया है। वहीं भवन निर्माण विभाग को सभी सार्वजनिक भवनों में शीघ्र रैंप और लिफ्ट की सुविधा उपलब्ध कराने को कहा गया है। परिवहन विभाग को सभी निजी एवं सरकारी वाहनों में दिव्यांगजनों के लिए सीट आरक्षित करने एवं उनके व्हीलचेयर को साथ ले जाने की सुविधा बहाल करने को कहा गया है। नगर परिषद को सार्वजनिक शौचालयों में दिव्यांगजनों के लिए साइनेज एवं कमोड लगवाने को कहा गया है।
शिक्षा विभाग को सभी सरकारी एवं गैर सरकारी विद्यालय भवनों में रैंप और लिफ्ट की सुविधा बहाल करने, दिव्यांग विद्यार्थियों को विशेष उपकरण प्रदान करने एवं ब्रेललिपि की सुविधा प्रदान करने को कहा गया है। पथ प्रमंडल को सभी पथों के चैराहों पर दिव्यांगजनों के लिए आॅडियो डिवाईस लगाने, जगह-जगह पर जेब्रा क्राॅसिंग बनाने एवं रोड साइनेज लगवाने को कहा गया है। जिला परिषद को किसी एक गांव/पंचायत को दिव्यांगजनों को विशेष सुविधा प्राप्त माॅडल गांव के रूप में विकसित करने को कहा गया है।
आयुक्त्त महोदय द्वारा सभी विभागों को उनके कार्यालय में कार्यरत दिव्यांग कर्मी/पदाधिकारी की विवरणी उपलब्ध कराने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि बाढ़/आपदा/भूकंप के समय सबसे ज्यादा प्रभावित दिव्यांगजन ही होते हैं। इसलिए आपदा प्रभारी को दिव्यांगजनों के लिए विशेष कार्ययोजना बनाकर इसका क्रियान्वयन करने हेतु कहा गया है। वहीं पुलिस विभाग को सभी थाना/आउटपोस्ट में दिव्यांगजनों द्वारा दायर प्राथमिकी की सूची उपलब्ध कराने को कहा गया है। उक्त सभी कार्यों के लिए समय सीमा निर्धारित कर दी गयी है। अनुपालन नहीं होने की स्थिति में कार्रवाई किये जाने की भी बात कही गयी है।
 
रिपोर्ट ibn24x7news पश्चिमी चंपारण बिहार

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