Breaking News

बगहा,चौतरवा प,च, : छठ पर्व बांस सूप टोकरी मिट्टी के बरतनो गन्ना केशर गुड चावल और गेहूं से निर्मित प्रसाद और सुमधुर लोकगीतों से युक्त होकर लोक जीवन की भरपूर मिठास का प्रसार करता है

छठ पर्व बांस सूप टोकरी मिट्टी के बरतनो गन्ना केशर गुड चावल और गेहूं से निर्मित प्रसाद और सुमधुर लोकगीतों से युक्त होकर लोक जीवन की भरपूर मिठास का प्रसार करता है
इस बाबत ज्योतिषाचार्य पंडित रिपुसूदन द्विवेदी ने बताया कि छठ पूजा की परंपरा और उसके महत्व का प्रतिपादन करने वाली अनेक पौराणिक और लोक कथाएं प्रचलित हैं पूजा का सबसे महत्वपूर्ण पक्ष इसकी सादगी पवित्रता और लोक पक्ष है भक्ति और आध्यात्म से परिपूर्ण इस पर्व के लिए न विशाल पंडालों और न भव्य मंदिरों की जरूरत होती है न ऐश्वर्ययुक्त मूर्तियो की एक पौराणिक लोक कथा के अनुसार लंका विजय के बाद राम राज्य की स्थापनाके दिन कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी को भगवान राम और माता सीता ने उपवास किया और सूर्य देव की आराधना की सप्तमी को सूर्योदय के समय पुनः अनुष्ठान कर सूर्य देव से आशीर्वाद प्राप्त किया था |
एक अन्य मान्यता के अनुसार छठ पर्व की सुरुआत महाभारत काल मे हुई थी सबसे पहले सूर्य पुत्र कर्ण ने सूर्य देव की पूजा शुरू की कर्ण भगवान सूर्य का परम भक्त था वह प्रतिदिन घंटों कमर तक पानी मे खडे होकर सूर्य को अघ्य॔ देता था सूर्य की कृपा से ही वह महान योद्धा बना था आज भी छठ मे अर्घ्य दान की यही पद्धति प्रचलित है कुछ कथाओं में पांडवो की पत्नी द्रोपदी द्वारा भी सूर्य की पूजा करने का उल्लेख है वे अपने परिजनों के उतम स्वास्थ्य की कामना और लंबी उम्र के लिए नियमित सूर्य की पूजा करती है उनकी पत्नी मालिनी को यज्ञाहुती के लिए बनाई गई खीर दी इसके प्रभाव से उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ती हुआ था|

रिपोर्ट विजय कुमार शर्मा ibn24x7news बिहार

About IBN NEWS

It's a online news channel.

Check Also

ब्रेकिंग- बजे 500 वर्ष की प्रतीक्षा हो गई समाप्त

  अयोध्या ब्यूरो कामता शर्मा अयोध्या। सदियों की प्रतीक्षा अब समाप्त होने जा रही है। …