*कैसरगंज*
बहराइच जैसे जनपद को जो उपलब्धियां व गौरव हासिल हुआ वह किसी से छुपा नही है यह देन है बहराइच के तहसील कैसरगंज के मुख्यालय से मात्र 3 किमी की दूरी पर स्थित लदोर जैसे छोटे गांव में जन्मे ठाकुर हुकुम सिंह विसेन की। स्व0 ठाकुर हुकुम सिंह विसेन के विशेष प्रयासों से तराई क्षेत्र में स्थित पिछडा जनपद बहराइच राजनीति व समाज सेवा की क्षितिज में न सिर्फ सितारा बनकर उभरे बल्कि बहराइच जैसे छोटे जनपद में विकास कार्यों की झडी लगा दी, इनके विकास कार्यों में सबसे महत्वपूर्ण बढौली शिवपुर तटबन्ध एक अमिट छाप है, सन 1892 ई0 में सभा सिंह नाम के किसान के सम्भ्रान्त परिवार में जन्में ठा0 हुकुम सिंह बचपन से ही प्रतिभाशाली थे, प्रारम्भिक शिक्षा ग्राम में ही ग्रहण करने के बाद उच्च शिक्षा बहराइच व इलाहाबाद में प्राप्त की, इसके बाद समाज सेवा में लग गये, श्री विसेन ने स्वतन्त्रता संग्राम आन्दोलनों में बढ चढ कर हिस्सा भी लिया विधायक राम सेवक पाण्डेय की मृत्यु के पश्चात उनके प्रतिनिधि के रूप में ठा0 हुकुम सिंह चुने गये और यहीं से उनका राजनीतिक दौर शुरू हो गया। ठा0 हुकुम सिंह विसेन किसानों के लिए मसीहा साबित हुए, विभिन्न आन्दोलनों के दौरन श्री विसेन महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, गोविन्द बल्लब पन्त, सरदार बल्लब भाई पटेल, लाल बहादुर शास्त्री आदि के सम्पर्क में आये और आन्दोलनों में भागीदारी की वजह से ब्रिटिश सरकार की आंखों की किरकिरी बन गये जिस कारण सन 1932 व 1942 के आन्दोलनों में 21 माह का कारावास का दण्ड भी भुगतना पडा, भारतीय आजादी के बाद स्वतन्त्र भारत में विधान सभा कैसरगंज का प्रतिनिधित्व करने का मौका भी मिला, 1937 में श्री सिंह विधान सभा के सदस्य निर्वाचित हुए और अंग्रेजी शासन काल में स्थापित प्रथम कांग्रेसी सरकार में पंडित गोविन्द बल्लभ पन्त के सभा में सचिव निर्वाचित हुए और 29 अक्टूबर 1939 को श्री सिह ने अपने पद से त्यागपत्र देकर सत्याग्रह में भाग लिया, 1952 1957, 1962 के निर्वाचन में श्री सिंह कैसरगंज विधान सभा क्षेत्र से विधायक निर्वाचित हुए, लगातार 22 वर्षों में विभिन्न कांग्रेसी सरकारों के कार्यभार अनेक विभागों के मंत्री रहे इनके सबसे अधिक राजस्व मंत्री के रूप में लोकप्रियता हासिल की। अपने कार्यकाल के दौरान उ0प्र0 के साथ साथ विशेष रूप से बहराइच जैसे छोटे जनपद में विकास कार्यों की झडी लगाने में प्रयासरत रहे, कई जनपदों के विकास के साथ साथ बहराइच मे डिग्री कालेज, चिकित्सालय, कैसरगंज में पूरूष व महिला चिकित्सालय, इण्टर कालेज, गांव के विदयुतीकरण के अतिरिक्त 1957 में घाघरा की त्रासदी झेल रहे त्रस्त ग्रामीणों की सुरक्षा हेतु 90 किमी लम्बा बढौली शिवपुर तटबन्ध का निर्माण कराया। श्री सिंह ने बहराइच से लखनऊ के मध्य अनेक पुलों व सडकों के जाल बिछवाये जिससे लोग सुगमता से आवागमन के साथ प्रगति के मार्ग पर चल सकें।
प्रतिदिन रामायण पाठ करने वाले श्री सिंह सहज विनोदी स्वभाव के उदार एंव दूरदर्शी व्यक्ति थे, राग द्वेष से दूर धार्मिक प्रव़त्ति वाले ठा0 हुकुम सिंह अन्तिम समय में कैंसर बीमारी से पीडित हुए और 79 वर्ष की अवस्था में बीमारी से संघर्ष करते हुए 2 दिसम्बर 1971 में बलरामपुर चिकित्सालय में चिर निद्रा में समाहित हो गये।
*पुण्यतिथि पर होंगे विविध कार्यक्रम*
हुकुम सिंह विसेन पुण्यतिथि समारोह के सम्बन्ध मे जानकारी देते हुये प्रपौत्र व ठा.हुकुम सिंह सेवा समिति के प्रबन्धक सन्दीप सिंह विसेन ने बताया कि प्रातः 10 बजे गणमान्य विशिष्ट अतिथियों व पारिवारिक सदस्य एवं जनसमूह के साथ स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कैसरगंज व स्थानीय हुकुम सिंह इण्टर कालेज में प्रतिमाओं पर माल्यार्पण होगा। उसके बाद मुख्य अतिथि मा.विनोद कुमार सिंह “पंडित सिंह” पूर्व मंत्री उ.प्र.सरकार के द्वारा स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कैसरगंज के प्रांगण मे मरीजो को फल वितरण तथा 25 मेधावी छात्रों का सम्मान किया जायेगा।
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