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उमरिया(मध्यप्रदेश): बांध से पानी छोड़ने की पूर्व सूचना दिया जाना सुनिश्चित करें बाढ़ आपदा प्रबंधन हेतु जिला स्तरीय कार्ययोजना बनाकर समन्वय के साथ कार्य करें – संभागायुक्त श्री महेशचन्द्र चौधरी

उमरिया(मध्यप्रदेश):बांध से पानी छोड़ने की पूर्व सूचना दिया जाना सुनिश्चित करें बाढ़ आपदा प्रबंधन हेतु जिला स्तरीय कार्ययोजना बनाकर समन्वय के साथ कार्य करें – संभागायुक्त श्री महेशचन्द्र चौधरी
उमरिया – संभागायुक्त महेशचन्द्र चौधरी ने अति वर्षा की स्थिति में बाणसागर बांध से पानी छोड़ने के पहले निचले जिलों के लोगों और वरिष्ठ अधिकारियों को पूर्व सूचना देने के निर्देश देते हुए कहा कि बाढ़ आपदा प्रबंधन हेतु जिला स्तरीय कार्य योजना बनाकर सभी अधिकारी समन्वय के साथ कार्य करें। वह आज रीवा में बाणसागर बांध आपदा प्रबंधन संबंधी बैठक को संबोधित कर रहे थे। संभागायुक्त ने निर्देश दिये कि सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिये वायरलेस, एलर्ट सायरन, अरली वारनिंग सिस्टम, मोबाईल एस.एम.एस. और वाट्सअप ग्रुप आदि का समुचित उपयोग किया जाय। डूब क्षेत्र में आने वाले जिलों के अधिकारियों को वाट्सअप में समूह बनाकर भी सूचनाओं का आदान- प्रदान किया जाय। इसमें अन्य विभागीय अधिकारियों को भी जोड़ा जाय ताकि उनकी भी सक्रियता बनी रहे।
कमिश्नर श्री चौधरी ने कहा कि बाणसागर सहित बांधों के जल भराव पर नजर रखते हुए डूब प्रभावित क्षेत्रों का फील्ड विजिट कर चिन्हांकन करते हुए सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने की व्यवस्थायें सुनिश्चित की जायं। उन्होंने निर्देश दिये कि सम्भावित बाढ़ आपदा से निपटने के लिये नाविकों एवं बोट चालकों को प्रशिक्षण दिया जाय। आपदा से बचाव के लिये मांकड्रिल करें। उन्होंने कहा कि सर्चलाइट, गोताखोर तैराकों, चेतावनी एवं सूचना देने के लिये माइकों तथा लाइफ जैकटों की समुचित व्यवस्था रखी जाय। डूब से प्रभावित होने वाले क्षेत्र के लोगों के लिये आवश्यक दवाओं का भण्डारण कराया जाय और स्वास्थ्य परीक्षण के अनुरूप दवाओं का वितरण भी सुनिश्चित कराया जाय साथ ही कुओं में ब्लीचिंग पाउडर डाला जाय तथा हैण्डपंप से दूषित पानी न आये इस पर भी निगरानी रखी जाय।
कमिश्नर ने डूब क्षेत्र के रहने वाले ग्रामीणों के लिये स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये कहा। बाढ़ से डूबने वाले पुल-पुलियों में बैरियर, साइन बोर्ड, रेलिंग आदि लगाते हुए सड़कों के सुधार के कार्य तत्काल कराये जाने के निर्देश कमिश्नर ने बैठक में दिये। उन्होंने कहा कि विद्युत की निरन्तर आपूर्ति बनी रहे तथा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की मैपिंग कर खाद्यान्न की उपलब्धता करायें साथ ही मवेशियों को बाढ़ से बचाने व बाढ़ से प्रभावित मवेशियों के निष्पादन की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश बैठक में दिये। संभागायुक्त ने डूब क्षेत्र के कलेक्टर्स और अनुविभागीय दण्डाधिकारियों को निर्देश दिये कि संभावित आपदा के मद्देनजर राहत केन्द्रों को चिन्हित कर लिया जाय। डूब क्षेत्र की व्यवस्थाओं की सतत मानीटरिंग की जाय। खाद्यान्न एवं कैरोसीन का पर्याप्त मात्रा में भण्डारण कराया जाय। अति वर्षा से अधिक प्रभावित होने वाले क्षेत्रों दृ ग्रामों के लिये आपदा प्रबंधन अन्तर्गत विशेष सतर्कता बरती जाय।
इस अवसर पर जानकारी दी गई कि बाणसागर बांध का जलग्रहण क्षेत्र 18648 वर्ग किलोमीटर है। जो कि सोन नदी के उद्गम स्थल अमरकंटक से अनूपपुर , शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, कटनी, सतना जिलों में फैला हुआ है। जलग्रहण क्षेत्र के विभिन्न स्थानों में वर्षामापी यंत्र स्थापित हैं जिनसे प्रतिदिन के वर्षा के आकड़े देवलौंद स्थित नियंत्रण कक्ष में प्राप्त किये जाते हैं। इसी तरह सोन नदी के मुख्य बांध स्थल तक के जलग्रहण क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर तीन गेज एवं डिस्चार्ज साइट लगाई गयी है।
गेज साइट के स्थानों से देवलोंद स्थित बाणसागर नियंत्रण कक्ष को तुरंत जानकारी प्रेषित करने के लिये वायरलेस टावर की स्थापना की गयी है। अति वर्षा की स्थिति में 24 घंटे पूर्व डूब क्षेत्रों में सूचना भेजी जायेगी। विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने अपने विभाग की तैयारियों की जानकारी दी। बैठक में कलेक्टर रीवा प्रीति मैथिल नायक, कलेक्टर उमरिया माल सिंह, पुलिस अधीक्षक रीवा सुशांत सक्सेना, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रीवा मयंक अग्रवाल, प्रशासक बाणसागर पीएस त्रिपाठी, आयुक्त नगर निगम रीवा आर पी सिंह सहित बाणसागर, सिंचाई विभाग, होमगार्ड के कमाण्डेंट एवं संबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

रिपोर्ट तीरथ पनिका ibn24x7news मध्यप्रदेश

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