नैतिक जागरण मंच के सदस्यों को प्रत्यक्ष प्रमाण के रूप में दर्शित हुआ संत तुलसीदास हिंदी रामायण में लिखा है बिन हरि कृपा मिलें नहीं संता शायद भगवान की कृपा ही होगी कैलाशवआ बाबा के गुरु भाई देवराहा बाबा के शिष्य देवराहा हंसराज बाबा का दर्शन विंध्याचल के अमरावती इलाके में अवस्थित आश्रम में हो पाया
बगहा:-किसी संत ने क्या खूब कहा है कि जब बसंत आता है तब प्रकृति मुस्कुराती है और जब संत आते हैं तो संस्कार मुस्कुराते हैं इसके जीता जागता प्रमाण आज परम सौभाग्य के कारण नैतिक जागरण मंच के सदस्यों को प्रत्यक्ष प्रमाण के रूप में दर्शित हुआ संत तुलसीदास हिंदी रामायण में लिखा है बिन हरि कृपा मिलें नहीं संता शायद भगवान की कृपा ही होगी कैलाश हुआ बाबा के गुरु भाई देवराहा बाबा के शिष्य देवराहा हंसराज बाबा का दर्शन विंध्याचल के अमरावती इलाके में अवस्थित आश्रम में हो पाया। उनके चरण छूकर आज जो हम लोगों को आशीष मिला है आशीष को आप तक संप्रेषित करते हुए काफी हर्ष हो रहा है एक बात हम लोगों को ध्यान देना चाहिए कि जब परम योगी अध्यात्म तत्ववेत्ता ब्रह्मर्षि श्री देवराहा हंसराज बाबा प्रसाद वितरण के पहले जो स्तुति कराई वह स्तुति किस ईश्वर की नहीं बल्कि अपने गुरु श्री देवराहा बाबा की थी इस प्रस्तुति द्वारा उन्होंने अपने गुरु की महिमा का भूरी भूरी प्रशंसा किया इससे हम लोगों को सीख लेनी चाहिए किसी भी अवस्था में हमें अपने गुरु परंपरा का स्मरण सेवा को नहीं भूलना चाहिए क्योंकि कहा गया है गुरु गोविंद दोऊ खड़े काके लागू पाय बलिहारी गुरु आपने गोविंद दियो बताए। गुरु ईश्वर का दर्शन कराता है उनके आश्रम की एक और महिमा और खास बात यह है कि हजारों की संख्या में यहां गौ सेवा मानव सेवा की तरह ही पूर्ण पवित्रता के साथ की जाती है गायों की रक्षा के लिए ऊंची ऊंची तीन मंजिला मकान भोजन के लिए चारे की उत्तम व्यवस्था के साथ-साथ कई पोखर और तालाब बने हुए हैं आइए परम पूज्य हंस देवराहा बाबा के चरणों में आशीष लेते हुए विंध्याचल माई के साथ-साथ अष्टभुजी माई का दर्शन करने के लिए कुछ चित्र आप सभी को संप्रेषित है आप सभी दोस्तों को मेरी तरफ से जय श्री राधे विंध्याचल माई की जय|
रिपोर्ट दिवाकर कुमार ibn24x7news