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पश्चिमी चम्पारण (बेतिया) – बाइक दुर्घटना के बचाव में हेलमेट पहनना सार्थक कदम

Ibn24x7news विजय कुमार शर्मा प,च,बिहार
इन दिनों शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में नवयुवकों के द्वारा बाइक चलाने की लालसा बहुत जोरों पर है बाइक चलाने के क्रम में नव युवकों के द्वारा रफ्तार पर नियंत्रण नहीं रखना दुर्घटना को आमंत्रण करना है साथ ही हेलमेट का प्रयोग नहीं करना इसका मुख्य कारण है। बाइक चलाने वालों को बाइक चलाने के पूर्व इनको विभाग के द्वारा प्रशिक्षण देने का कार्य नहीं हो पाने के कारण दुर्घटना में बढ़ोतरी हो रही है। जिला परिवहन विभाग द्वारा जो लाइसेंस निर्गत किया जा रहा है उसमें आयु का कोई नियंत्रण नहीं है बिना जांच के ही ड्राइविंग लाइसेंस निर्गत किया जा रहा है इसमें सुविधा शुल्क को को आगे रखकर बिना जांच किए बिना नियम कानून बताएं और ना इसके मार्गदर्शिका ही प्राइवेट ड्राइविंग लाइसेंस देने के पूर्व इसके अनदेखे की जाती है जिसके कारण नित्य दिन तीन-चार दुर्घटनाएं हो रही है मगर फिर भी विभाग द्वारा इस पर कोई नियंत्रण करने के लिए कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।
बिना हेलमेट के बाइक चलाना गैरकानूनी के साथ जुर्माना भरने की विधि से दो चार होना पड़ता है, इसी क्रम में परिवहन विभाग ने प्रत्येक शनिवार को हेलमेट डे के रूप में मनाली का प्रोग्राम बनाया है इसी प्रोग्राम के तहत प्रत्येक शनिवार को शहर के चौक चौराहों गली यो एवं ग्रामीण क्षेत्रों के भी चौक चौराहा पर हेलमेट जांच की प्रक्रिया होने जा रही है जिससे बिना हेलमेट के बाइक चलाने वालों की अब खैर नहीं है यह एक सार्थक कदम माना जाएगा। इसकी जानकारी देते हुए जिला परिवहन विभाग के पदाधिकारी सुनील कुमार सिंह ने बताया कि विभाग ने निर्णय लिया कि है कि प्रत्येक शनिवार को हेलमेट डे बाइकर्स का के रूप में चेक किया जाएगा जिससे मोटर साइकिल चलाने वालों के पास अगर हेलमेट नहीं होगा तो उनकी गाड़ी सीज कर ली जाएगी और उन पर जुर्माना भी लगाया जाएगा ताकि दुर्घटना होने से बचा जा सके। उन्होंने आगे बताया कि दिन प्रतिदिन घटनाओं की वृद्धि होने के कारन विभाग पर आंच आना शुरू हो गया है। परिवहन पदाधिकारी ने बताया कि जितनी भी दुर्घटनाएं हो रही हैं यह सब बिना हेलमेट पहने के कारण हो रही है अगर बाइक चालक हेलमेट का इस्तेमाल करना शुरू कर देंगे तो हो सकता है कि बाइक दुर्घटना का होने का सिलसिला बहुत कम हो जाएगा। वैसे तो 9 युवकों के द्वारा बाइक चलाने की जो प्रक्रिया हो रही है वह अपने आप में दुर्घटना को बुलावा देना होता है और इसी के चलते Bolero ट्रैक्टर या अन्य गाड़ियों से टकराव होने की संभावना बढ़ जाती है। उन्होंने आगे बताया कि विभाग तो हर स्तर पर इन सभी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कार्यवाही करती जा रही है मगर लोग है कि अपने कम उम्र के बच्चों को भी उनके हाथों में बाइक दे देते हैं जोधपुर दुर्घटना का मुख्य कारण बना रहता है, ऐसी स्थिति में लोगों को भी चाहिए कि अपने परिवार के छोटे-छोटे बच्चों को उनके हाथों में गाड़ी की चाबी नहीं दे और गाड़ी चलाने पर मना करें ताकि दुर्घटना से बचा जा सके। आम जनता में इस पहल उनके इस सराहनीय तो की जा रही है कोई एक अच्छा कदम उठाया गया है मगर बाइक चलाने वालों में एक बोझ बनकर रह गया है कि हेलमेट कैसे पहना जाए।

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