स्वर्णकार संघ एवं उत्तर प्रदेश स्वर्णकार समाज एसोसिएशन के सानिध्य में चल रहे तीन दिवसीय गीता जयंती महोत्सव के अंतिम दिवस में भगवान श्रीकृष्ण योगपीठ के प्रमुख स्वामी प्रज्ञानंद जी महाराज ने गीता अवतरण “पर बोलते हुए कहा कि गीता ज्ञान स्वयं भगवान अपने श्री मुख से मानव कल्याण हेतु धर्म भूमि कुरुक्षेत्र में अर्जुन को मानव मात्र का प्रतिनिधि बनाकर कहीं गीता में 18 अध्याय और 700 श्लोक हैं गीता विश्व का एकमात्र धार्मिक ग्रंथ है जिसकी हर साल जन्मदिन मनाया जाता है ऐसा महत्व दुनिया के किसी भी धर्म ग्रंथ में नहीं मिला है महाराज श्री के भक्तों के समागम में बोलते हुए कहा कि गीता में कर्म भक्ति न ज्ञान योग पर विशेष बल प्रभु श्री कृष्ण ने दिया है गीता दवा भी है और दुआ भी है दवा मन के रोग का और दुआ भगवान श्री कृष्ण का है
गीता में जीवन जीने की अनुभूत ज्ञान भगवान श्री कृष्ण ने दिया है महाराज श्री के संस्था का मुख्य उद्देश्य गीता ज्ञान को जन-जन में प्रचार प्रसार कर मानव जीवन के सभी विकारों से मुक्ति कर जीवन का आनंद मैं सुख में तथा सौतीमय मनाना है गीता सनातन धर्म की प्रमुख पवित्र ग्रंथ है विश्व के सभी धर्मों ने गीता शास्त्र को वंदन पूजन व आदर किया है उक्त कार्यक्रम के अंतिम दिन गीता जयंती महोत्सव के मुख्य अतिथि अजय कुमार समाजसेवी ( नगर पालिका अध्यक्ष) विशिष्ट अतिथि अनुज सरावश्री तथा कार्यक्रम के मुख्य प्रभारी श्री सुनील सर्राफ तथा उपस्थिति भक्तों में अशोक जी, मुरारी लाल जी ,सुरभि वर्मा ,संतोष सोनी, शैलेंद्र जी, रवि वर्मा, जय शंकर वर्मा ,विजय वर्मा ,बिटटु, सुरेंद्र जी, सुनील सोनी ,लालबाबू उपस्थित होकर कथा श्रवण कर अपने मानव जीवन को धन्य बनाएं!
रिपोर्ट वरुण चौबे IBN News ब्यूरो बलिया