Breaking News

आग उगलने के बाद कहां गुम हो जाती हैं AK 47, अपराधी गिरफ्त में लेकिन हथियार का पता नहीं

आग उगलने के बाद कहां गुम हो जाती हैं AK 47, अपराधी गिरफ्त में लेकिन हथियार का पता नहीं
एके 47 से एक-के-बाद-एक हत्या…अभी पुलिस  एक केस को सुलझा भी नहीं पाती कि अपराधी हत्या की दूसरी वारदात को अंजाम देकर पुलिस महकमे में खलबली मचा देते हैं। हाल ही में अपराधियों ने जितनी हत्याएं की हैं, उन सबमें कॉमन है एक ही हथियारों का इस्तेमाल…एके 47। हाल ही में अपराधियों ने मुजफ्फरपुर के पूर्व मेयर समीर कुमार पर एके 47 की पूरी मैगजीन खाली कर डाली वहीं राजधानी पटना में दीना गोप को 47 से भून डाला।
भाड़े पर मिलता है एके 47
एक वक्त था जब एके 47 केवल बाहुबलियों और माफियाओं के पास रहने की खबर मिलती थी लेकिन अब तो जरायम की दुनिया में कदम रखे नौसिखुए भी एके 47 से ही हत्या की वारदात को अंजाम दे रहे हैं। हाल ही में कई कांडों की जांच में यह बात सामने निकलकर आयी है कि छोटे अपराधी बड़े अपराधी से भाड़े पर एके 47 लेते हैं और घटना को अंजाम देकर हथियार उन्हें वापस कर दिया जाता है।
कई केस में पुलिस आरोपी को धर-दबोचती है लेकिन जिस हथियार से वारदात को अंजाम दिया जाता है यानी एके 47 का पता नहीं लगा पाती। एके 47 से हत्या करना या रखना किसी छोटे अपराधी को भी अंडरवर्ल्ड की दुनिया में एकाएक रसूखदार बना देता है। उसकी चर्चा होने लगती है। कहा जाता है कि आपसी संबंधों पर भाड़े की राशि तय होती है।
अपराधियों के लिए स्टेटस सिंबल है एके 47
कहा जाता है कि एके-47 को चलाना बेहद आसान है। अत्याधुनिक हथियारों को चलाने के लिए जहां प्रशिक्षण की जरुरत पड़ती है, वहीं एके 47 को हर वो शख्स चला सकता है जो इसे उठाने में सक्षम होता है। इसे ‘ले मैन’ हथियार भी कहा जाता है। एके 47 अपने आप में दहशत का पर्याय है। अपराधी इसे ‘स्टेटस सिंबल’ के रूप में लेते हैं, जिस अपराधी गिरोह के पास एके 47 होता है उसका रुतबा बढ़ जाता है।
कहां गुम हो जाती हैं एके 47
अपराधी सरेराह एके-47 से सूबे की सड़कों पर खून-खराबा करते हैं। पुलिस अपराधियों की शिनाख्त भी कर लेती है लेकिन 47 हथियार बरामद नहीं कर पाती है। ज्यादातर मामलों में ऐसा इसलिए होता है कि अपराधी को खुद पता नहीं होता कि जिस हथियार से उसने वारदात को अंजाम दिया है, वो हथियार कहां है ?
क्या कारण है जो मामले का उद्भेदन बहुत पुख्ता सबूत के साथ किया जाता है। लेकिन पुख्ता होने के बाद भी एके-47 पुलिस को नहीं मिल पाती है। लिहाजा पुलिस की ओर से कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत की गई दस्तावेजों में साक्ष्य की कमी होने के कारण अपराधी जल्दी जेल से छूट जाते हैं।
दीना और समीर हत्याकांड में पुलिस खोज पायेगी हथियार
अहले सुबह पार्षद दीना गोप की हत्या पटना की सड़कों पर एके-47 से कर दी जाती है। पुलिस इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए कुख्यात विकास सिंह को धनबाद से पकड़ लेती है लेकिन एके 47 को रिकवर करने में पटना पुलिस नाकाम रहती है। हाल ही में मुजफ्फरपुर के पूर्व मेयर समीर कुमार की हत्या भी एके 47 से की जाती है।
पुलिस इस मामले में कुछ लोगों को पकड़कर पूछताछ कर रही है लेकिन अभी तक जिस हथियार से वारदात को अंजाम दिया गया है यानी एके 47 का पता नहीं लगा पायी है। अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या पुलिस इस मामले में गिरोह के साथ एके 47 बरामद कर पायेगी ? पुलिस के लिए यह किसी चुनौती से कम नहीं |

रिपोर्ट अमन पटना  ibn24x7news  पटना

About IBN NEWS

It's a online news channel.

Check Also

ब्रेकिंग न्यूज 35 वर्षीय महिला सड़क दुर्घटनामें घायल

अयोध्या ब्यूरो कामता शर्मा बीकापुर_अयोध्या। हैदरगंज थाना क्षेत्र के बैसूपाली निवासी करीब 35 वर्षीय महिला …