ibn24x7news झारखंड
रांची: मिली जानकारी के अनुसार झारखंड अलग अलग अपराधिक गिरोह के पास एक दर्जन से अधिक एके-47 है मौजूद.बता दे एके-47 का इस्तेमाल सेना या पुलिस बल करते हैं.लेकिन पिछले कुछ सालों के दौरान इसका उपयोग झारखंड के अपराधी खुलेआम करने लगे हैं. इससे हत्याएं आम होती जा रही हैं.हाल के कुछ वर्षों की बात करें तो झारखंड के हजारीबाग में गैंगस्टर सुशील श्रीवास्तव की जहां एके-47 से मारकर हत्या कर दी गई तो वही धनबाद के मेयर नीरज सिंह को अपराधियों ने सरेशाम एके 47 से छलनी कर दिया.
हाल के दिनों में वायरल फोटो में सुजीत सिन्हा और अमन साहू गिरोह के पास दिख रहे हैं एके-47:-
पिछले दिनों एक वीडियो वायरल हुआ था सुजीत सिन्हा गिरोह से जुड़े दो नकाबपोश अपराधियों ने ही वीडियो जारी करते हुए राज्य पुलिस और व्यवसायियों को चेतावनी देते हुए कहा था कि हम उन्हें औकात दिखा देंगे .वीडियो में देखा जा रहा है कि अपराधियों ने एके 47 राइफल अपने साथ रखा था. एक राइफल टेबल पर रखा है,जबकि दूसरा राइफल एक नकाबपोश अपराधी अपने कंधे पर रखकर बयान दे रहा था. वही एक और फोटो वायरल हुआ है जिसमें जिसमें एक टेबल पर गोलियों से अमन साहू लिखा गया है और दूसरे टेबल पर सुजीत सिन्हा। एक टेबल पर दो एके-47 रखे हुए हैं दूसरे पर एक रखा हुआ है।यह दोनों वायरल फोटो और वीडियो की क्या सच्चाई है यह तो पुलिस के जांच के बाद ही सामने आ पाएगी।
ओडिसा,बिहार और उतरप्रदेश के इलाके से झारखंड पहुंच रहे हैं हथियार:-
सूत्रों से मिली झारखंड में कई हथियार सप्लायर गिरोह सक्रीय है. गिरोह ओडिसा बिहार और उतरप्रदेश के इलाके से हथियार ला रहे हैंअपराधी बिहार के मुंगेर, बिहार शरीफ, उतरप्रदेश के वाराणसी और झारखण्ड से सटे उड़ीसा के सीमावर्ती इलाको से ला रहे हैं.हथियारों में पिस्टल राइफल से लेकर एके-47 जैसे भी हथियार शामिल हैं.बता दे राजधानी रांची, लातेहार और बोकारो में नागालैंड से अत्याधुनिक हथियारों की तस्करी हो होने कि पुष्टि हो चुकी है एके-47, एके-56, कारबाइन सहित कई तरह के हथियार झारखंड के पीएलएफआइ (पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट आफ इंडिया), टीपीसी (तृतीय प्रस्तुति कमेटी) सहित अन्य उग्रवादी और अपराधिक संगठनों के पास पहुंच रही है.
आसान है एके-47 चलाना:-
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 2.5 लाख में देसी एके-47 उपलब्ध हो हो जाता है. कहा जाता है कि एके-47 को चलाना बेहद आसान है और इसके लिए किसी तरह की ट्रेनिंग की जरुरत नहीं होती. कट्टा और बंदूक को चलाने के लिए जहां प्रशिक्षण की जरूरत होती है, वहीं, एके-47 को हर वह शख्स चला सकता है जो इसे उठा सकता है.
अपराधियों का हैे स्टेटस सिंबल:-
एके-47 अपने आप में दहशत का पर्याय है.अपराधी इसे ‘स्टेटस सिंबल’ के रूप में लेते हैं, जिस अपराधी गिरोह के पास एके-47 होता है उसका रुतबा बढ़ जाता है.कहा तो यहां तक जा रहा है कि झारखंड में एके-47 अब किराये पर भी उपलब्ध होती है.
झारखंड में एके-47 से मारकर हत्या और बरामद होने की घटनाएं:-
वर्ष 2009 में इनका से रांची लाने के क्रम में गैंगस्टर भोला पांडे की गोली मारकर हत्या बताया जा रहा है हत्या करने में एके-47 का उपयोग किया गया था.
2 जून 2015: हजारीबाग कोर्ट में अपराधियों ने सुशील श्रीवास्तव पर एके 47 से गोली मारकर हत्या कर दिया इस वारदात में दो अन्य कैदियों की भी मौत हो गई थी.
23 मार्च 2017: धनबाद ने मेयर नीरज सिंह को घेरकर बदमाशों ने शहर के स्टील गेट के पास एके-47 से गोली मार दी,जिससे नीरज सिंह, उनके साथी अशोक यादव, ड्राइवर ललटू यादव और गनर मुन्ना बजरंगी की मौत हो गयी थी.
28 मार्च 2018: रांची बीजेपी नेता पंकज गुप्ता की हत्या के बाद हुए खुलासे से रांची पुलिस के होश उड़े गए थे.छापेमारी के दौरान श्रीवास्तव गिरोह के 6 अपराधी गिरफ्तार हुए जिनके पास से एके 47 सहित एक दर्जन पिस्टल बरामद किये गए थे.