गडहनी ( भोजपुर ) सारा संसार नृत्यरत है। इस प्रकृति के कण-कण में नृत्य सम्माहित है।नृत्य के बिना जीवन सुना-सुना रहता है। मानव मन जब आनंद के अतिरेक में निमग्न होता है तो वह बरबस झुम उठता है।मीडिया से वार्ता के दौरान कहना है अरवल, बिहार की रहने वाली युवा कत्थक नृत्यांगना सुश्री काव्या मिश्रा का।जो इस कला के माध्यम से हीं देश की सेवा करने की जज्बा रखती है।सुश्री काव्या मिश्रा का जन्म २७/११/२००६ को हुआ।इनके पिता श्री नंद मोहन मिश्र अरवल जिले के कलेर प्रखंड अंतर्गत बेलांव के रहने वाले है।

इनके पिता श्री नंद मोहन मिश्र फिल वक्त संत जेवियर्स वल्ड स्कूल के निदेशक हैं साथ हीं साथ हिंदी और मगही भाषा के चर्चित कवि हैं।इनकी माता श्रीमती अजिता मिश्रा +2 शिक्षिका हैं।सुश्री काव्या मिश्रा अभी नवीं कक्षा की छात्रा है। वह तीन वर्ष पूर्व हीं कत्थक नृत्य सीखी है। बहुत कम समय में हीं ये अपनी प्रतिभा और लगन के बल पर एक मुकाम और पहचान बनाने में सफल रही है।समय-समय पर अपने विद्यालय के साथ-साथ अनेक जगहों पर ये अपना कार्यक्रम प्रस्तुत की है।
लोगों ने इनकी प्रतिभा की खुब प्रशंसा की है।ये कत्थक नृत्यांगना सोनाल मान सिंह को अपना आदर्श मानती है।इनकी इस प्रतिभा को देखकर वैशाली के जिला पदाधिकारी श्रीमती रचना पाटिल ने १५ अगस्त २०१७ को सम्मानित किया।इनको प्रसिद्ध शिव तांडव पर कत्थक नृत्य प्रस्तुत करने पर वरिष्ठ नागरिक सम्मान, हाजीपुर २०१९ से सम्मानित किया गया है।अभी एशिया का प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र के मेले में २२/११/१९ को बिहार सरकार पर्यटन एवं कला संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित सास्कृतिक कार्यक्रम में गणेश वंदना पर बेजोड प्रस्तुति दी है।हमें गर्व है की आज अरवल,बिहार की बेटी कत्थक नृत्य में अपना परचम लहरा रही है।
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