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एंबुलेंस दान दी, दो ऑक्सीजन जनरेटिंग प्लांट लगाने की भी की पेशकश।

रिपोर्ट अभिषेक चौबे

गोरखपुर/कोरोना काल में जहां कुछ लोग मजबूरी का फायदा उठाकर कालाबाजारी में लगे हैं, वहीं अनेक मददगार-दानवीर आगे बढ़कर सहयोग कर रहे हैं। गोरखपुर के बड़हलगंज इलाके में कोरोना से हो रही मौत के साथ ही एंबुलेंस न मिलने की दिक्कत पर दिल्ली में रहने वाले बड़हलगंज के एक व्यवसायी ने इलाके के लोगों को एक एंबुलेंस दान में दी है। साथ ही दो कोविड हॉस्पिटल में ऑक्सीजन जनरेटिंग प्लांट लगाने की पेशकश की है।
बड़हलगंज के बभनौली गांव के रहने वाले सूरज पांडेय दिल्ली में अपना निजी व्यवसाय करते हैं। वह एक्मे इंडिया नामक कम्पनी के डायरेक्टर हैं। सोशल मीडिया और समाचार पत्रों के माध्यम से उन्हें पता चला कि बड़हलगंज इलाके में कोविड की वजह से लोगों की काफी संख्या में मौत हो रही है। उन्होंने अपने इलाके के लोगों से बात की तो बताया गया कि मरीजों को अस्पताल ले जाने या फिर अंतिम संस्कार तक के लिए एंबुलेंस नहीं मिल पा रही है। ऑक्सीजन की दिक्कत बनी हुई है। उसके बाद सूरज पांडेय ने तत्काल एक एंबुलेंस भेज दी।
साथ ही इलाके के दो अस्पतालों बड़हलगंज के दुर्गावती और रामधनी अस्पताल के अलावा अन्य सरकारी हॉस्पिटल में ऑक्सीजन जनरेटिंग प्लांट के लिए गाजियाबाद के दो कम्पनियों से बात की। पता चला कि इसके लिए प्रदेश सरकार या फिर स्थानीय प्रशासन से अनुमति लेनी पड़ेगी। उसके बाद सूरज पांडेय ने गोरखपुर के जिलाधिकारी को 27 अप्रैल को पत्र लिखकर प्लांट लगाने की अनुमति मांगी है।
एक प्लांट से 20 मरीजों को मिलेगी आक्सीजन
एक ऑक्सीजन जनरेटिंग प्लांट लगाने में करीब 15 लाख रुपये खर्च आएगा। एक प्लांट से करीब 20 मरीजों को ऑक्सीजन की आपूर्ति आसानी से हो सकेगी। इस सुविधा से किसी भी हॉस्पिटल को कोविड हॉस्पिटल बनाया जा सकता है। ऑक्सीजन की मारामारी भी खत्म की जा सकती है।

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