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गाजीपुर जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में यदुवंशियों की आस्था सपा से डगमगाने पर भाजपा की फसल लह-लहा रही है। बीस साल बाद ऐसे आसार बन रहे है कि अखिलेश के तीमारदारो पर मां लक्ष्मी की ऐसी कृपा हुई कि समाजवादी तिलिस्म टूटने के हालात बन गये है.
सोमवार को हुए भाजपा के दो भावी उम्मीदवार सपना सिंह व वंदना यादव के बीच शक्ति परीक्षण में भारी संख्या में यदुवंशियों ने दोनों पक्षों के न्योते को स्वीकार कर दोनों खेमे के शक्ति परीक्षण में भाग लिया। जिसकी चर्चा जिले में जोरों पर है।
गुटबाजी व मां लक्ष्मी का दर्शन फूट का आधार
ज्ञातव्य है कि लगभग 32 यदुवंशी जिला पंचायत सदस्य के लिए निर्वाचित हुए है जिसमे से एक भाजपा की डा. वंदना यादव तथा दूसरे फेकू उर्फ गांधी बसपा से हैं शेष सभी जिला पंचायत सदस्य सपा समर्थित है या सपा के बागी जीते हुए हैं। सपा द्वारा कुसुमलता पत्नी मुकेश यादव के अध्यक्ष पद के लिए प्रत्याशी घोषित होते ही सपा में गुटबाजी चरम पर पहुंच गयी। सपा के वरिष्ठ सवर्ण नेता उभरते हुए पिछड़े वर्ग के एक युवा नेता को घेर कर अपना हिसाब किसाब चुक्ता करने के लिए रणनीत बनाने में जुट गये। काफी हद तक सफलता प्राप्त भी कर लिया है.
लखनऊ तलब किये गये सपाई विजेता
जिसका नजारा कल भाजपा के शक्ति परीक्षण में दिखाई दिया। इसका अंदेशा प्रत्याशी कुसुमलता पत्नी मुकेश यादव को हुआ तो उन्होने लखनऊ जाकर हाईकमान से पूरी खेल की जानकारी दी जिसपर हाईकमान काफी नाराज हुआ और 25 जून को प्रात: 10 बजे जिले के वरिष्ठ नेताओं व सदस्यों को वार्ता के लिए बुलाया है। अब वार्ता कर के अखिलेश यादव यदुवंशी जिला पंचायत सदस्यों को मनाने में कितना कामयाब होंगे यह तो आने वाले समय बतायेगा लेकिन यदुवंशियों की आसथा डगमगाने से सपा की लगभग ढाई दशक परम्परा अब टूटती नजर आ रही है।
सपना के विरोध मे राधे मोहन मौन समर्थन दे रहे सासंद अफजाल
एक खेमा विकास पुरुष मनोज सिन्हा व महेंद्र नाथ पाण्डेय के साथ अरविंद शर्मा का समर्थक है तो दूसरा खेमा विशाल सिह चंचल का समर्थन लेने के साथ काशी चार दिन पूर्व आये राज्यपाल कलराज मिश्रा का विश्वास पात्र है. यह भी चर्चा है कि अफजाल अंसारी भी इस खेमे के विरोध मे नही है. अकेले पूर्व सासद राधे मोहन लगातार सपना सिह की जीत पर ही सवाल उठा रहे है. जिनकी पत्नी चुनाव हार गयी है व समर्थक दूसरे खेमो मे हाजिर है.
डा विजय के करीबी है शुशील? पार्टी मे रहकर पत्नी के टिकट को मोहताज
हालांकि जिले के प्रभारी मंत्री आये दिन मोख्तार अंसारी को लेकर भडकाऊ बयान देते रहते है और उन्ही को योगी जी ने भी रिपोर्ट देने को कहा है. चर्चा तो यह भी है कि डा विजय भी चंदौली के विधायक सुशील सिंह के करीबी है जिसके चलते लगातार भाजपा का पदाधिकारी होने व भाजपा के टिकट पर चुनाव जीतने के बाद भी निर्दल जीती सपना सिह की जगह अपनी पत्नी डा बंदना के नाम टिकट तय नही करा पाये.