रिपोर्ट बी.आर.मुराद IBN NEWS फरीदाबाद
फरीदाबाद:पूर्व सांसद अवतार सिंह भड़ाना ने कहा है कि केेंद्र सरकार को किसानों की जायज मांगों को मान लेना चाहिए क्योंकि देश का अन्नदाता आज कडकड़ाती सर्दी में अपने हक-हकूक की आवाज उठा रहा है परंतु सरकार हठधर्मिता अपनाते हुए किसानों को फिर से गुलाम बनाने पर जुटी हुई है | उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में देशभर का किसान एकजुट हो चुका है और अगर किसानों की मांगों को जल्द ही नहीं माना गया तो आगामी 26 जनवरी को किसान हरियाणा के मुख्यमंत्री के साथ-साथ किसी भी मंत्री व विधायक को झंडा फहराने नहीं देंगे और देशभर का किसान अपने-अपने जत्थों के साथ दिल्ली कूच करेगा |
उन्होंने कहा कि देशभर में 70 प्रतिशत आबादी किसान व मजदूरों की है और इन लोगों ने इस उम्मीद से सरकार को चुना था कि वह उनके हितों के लिए कार्य करेगी परंतु सरकार अब अडानी-अंबानी को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से किसानों के हकों को कुचलने का काम कर रही है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा | भड़ाना फरीदाबाद के अनंगपुर स्थित अपने निवास पर पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे |
उन्होंने कहा कि किसान संगठनों के सेनापतियों ने उन्हें किसानों की आवाज उठाने के लिए जिम्मेदारी सौंपी है और वह हरियाणा, राजस्थान,मध्यप्रदेश,मेवात सहित कई प्रदेशों में जाकर किसानों की आवाज को बुलंद कर चुके है और अब उन्हें पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी सौंपी गई है,वह कल मेरठ,बागपत,बुलंदशहर होते हुए हरिद्वार तक जाएंगे और किसानों से एकजुट होकर दिल्ली पहुंचने का आह्वान करेंगे |
पूर्व सांसद ने कहा कि सरकार को किसान संगठनों के बीच कई दौरों की वार्ता हो चुकी है,लेकिन कोई हल न निकलने से किसानों की चिंताएं बढ़ने लगी है इसलिए सरकार को अपनी हठधर्मिता का त्याग करना चाहिए और किसानों की मांगों को मान लेना चाहिए, अन्यथा देशभर का किसान अगर सरकार बना सकता है
तो सरकार गिरा भी सकता है और 26 जनवरी के बाद हरियाणा से इसकी शुरूआत की जाएगी | पूर्व सांसद भड़ाना ने भावुक होते हुए कहा कि पिछले करीब दो महीने से देश का अन्नदाता सड़कों पर है और करीब 100 किसान इस आंदोलन में शहीद हो चुके है, लेकिन सरकार के किसी भी जनप्रतिनिधि ने उनके प्रति संवेदनाएं तक व्यक्त नहीं की, जिससे प्रतीत होता है कि यह सरकार अडानी-अंबानी के हाथों की कुठपतली बन गई है |
वहीं देश की सीमाओं पर रक्षा में तैनात फौजी व पुलिस कर्मचारी भी अपने परिवार के लोगों को सड़कों पर देखकर पशोपेश में है कि आखिर सरकार किसानों के साथ ऐसा अत्याचार क्यों कर रही है,उनके बुजुर्ग,भाई व बेटे अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर गुजर बसर कर रहे है,लेकिन सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंगती |
उन्होंने कहा कि पुराने समय में जब किसानों पर अत्याचार हुआ था तो उस दौरान सर छोटूराम और चरण सिंह जैसे सरीखे नेताओं ने किसानों के हक में हुंकार भरी थी और मौजूदा सरकार के जड़ें हिलाने का काम किया था इसलिए सरकार किसानों की एकजुटता को हलके में न आंके और उनकी जायज मांगों को तुरंत मानते हुए तीनों कानूनों को निरस्त करने का काम करें |