गोरखपुर। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग भारत सरकार के अध्यक्ष एवं सचिव ने दिल्ली से वीडियो कांफ्रेंसिंग कर उत्तर प्रदेश अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी लखनऊ से तथा गोरखपुर एनआईसी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग हॉल में एडीएम सिटी राकेश कुमार श्रीवास्तव पुलिस अधीक्षक अपराध डॉक्टर महेंद्र पाल सिंह जेल सुपरिटेंडेंट डॉ रामधनी सहित अन्य संबंधित अधिकारियों से 485 चल रहे मामलों की समीक्षा करते हुए इन पर अब तक किए गए कारगर उपायों के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारियां प्राप्त की राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने कहा कि मानवाधिकार उल्लंघनों की शिकायतों को देखने के अलावा आयोग के कार्यों में संविधान अथवा किसी अन्य कानून के अंतर्गत प्रदत्त सुरक्षा की समीक्षा करना अंतर्राष्ट्रीय घोषणा पत्रों के प्रभावी कार्यान्वयन की सिफारिश करना मानवाधिकारों से जुड़े मुद्दों पर अनुसंधान सेमिनार और चर्चाएं आयोजित करना मानवाधिकारों के बारे में जागरूकता फैलाना तथा मानवाधिकारों को बढ़ावा देने के लिए गैर-सरकारी संगठनों के प्रयासों को प्रोत्साहित करना है।आयोग देश के विभिन्न भागों में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के खिलाफ उत्पीड़न की शिकायतों की सुनवाई करने और लंबित मामलों का निपटारा करने के लिए शिविर आयोजित करता रहता है। आयोग मानवाधिकारों से जुड़े विभिन्न उपायों तथा कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने का आकलन करने के लिए राज्यवार विभिन्न जिलों का दौरा करता रहता है ताकि सरकार को सिफारिशें दी जा सकें जो सुशासन के लिए दृढ़ संकल्प है।
आयोग ने बंधुआ मजदूरों और बाल श्रम जेल सुधारों स्वास्थ्य के अधिकार खाद्यान्न के अधिकार मानसिक स्वास्थ्य देखभाल दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार सिलीकोसिस अवैध क्लीनिकल ट्रायल खाद्य वस्तुओं में कीटनाशक दवाओं दवाओं के मूल्य कॉरपोरेट-सामाजिक दायित्व मैला ढोना और स्वच्छता महिलाओं के मानवाधिकारों जैसे प्रमुख मुद्दों पर अनेक बार हस्तक्षेप किया है। जहां न्याय देना राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का कर्तव्य है।
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