गरियाबंद 03 दिसम्बर 2019/खरीफ फसल कटाई और मिजाई के पश्चात खेत खलिहानों में पड़े पैरा को अब अंचल के किसान जलाना छोड़कर गौठानों में दान देने लगे हैं। फिंगेश्वर विकासखण्ड के ग्राम पंचायत बारूला के गौठान समिति ने यह अनुकरणीय पहल करते हुए पैरा गौठान में दान दिया है।
अवगत है कि इस क्षेत्र में फसल कटाई के पश्चात बचे अवशिष्ट को जलाने की प्रवृत्ति रही है। पिछले एक वर्ष से जिला प्रशासन द्वारा किसानों को पैरा नहीं जलाने की समझाईश दी जा रही है। राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के निर्देशों का अनुपालन करने में जिला प्रशासन सदैव अग्रणी रहा है। जिले के कलेक्टर श्री श्याम धावड़े द्वारा किसानों से बार-बार अपील की गई थी, जिसका असर अब दिखने लगा है।
कुछ दिन पहले ही कलेक्टर ने स्वयं गांव-गांव में रात्रि चैपाल लगाकर किसानों को समझाईश दी थी। प्रदेश के मुखिया श्री भूपेश बघेल ने भी फसल अवशेष जलाने पर चिन्ता जाहिर करते हुए यह विश्वास व्यक्त किया था कि राज्य के किसान पर्यावरण का ख्याल रखते हुए शेष बचे पैरा गौठानों में दान देंगे या फिर जैविक खाद बनाकर उसका फिर से खेतों में उपयोग करेंगे।
ग्राम पंचायत बारूला के गौठान समिति के अध्यक्ष श्री शेषनारायण ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा दी गई समझाईश के बाद हमने गांव में यह फैसला किया कि सभी खेतों में पड़े पैरा को गौठान में दान देंगे। साथ ही गांव एवं आस-पास के लोगों को भी प्रेरित करेंगे। इस पहल में सरपंच श्रीमती रामबाई साहू , उप सरपंच सुखदेव साहू , सचिव गोपेश सेन एवं रोजगार सहायक दीपक साहू सहित ग्रामवासियों का योगदान सराहनीय है। विकासखंड फिंगेश्वर की सीईओ स्वेच्छा सिंह ने बताया कि इस क्षेत्र में कलेक्टर द्वारा रात्रिकालिन जन चैपाल लगाने के बाद किसानांे के सोंच में परिवर्तन देखने को मिल रहा है।
किसान अब पैरा न जलाते हुए या तो गौठानों में दान देने की सोंच रहे हंै अथवा जैविक खाद बनाने की ओर अग्रसर हंै। कलेक्टर श्री श्याम धावड़े ने किसानों के इस पहल का स्वागत करते हुए कहा है कि बारूला के किसानो द्वारा गौठान में पैरा दान देकर दूसरे किसानो को प्रेरित करने का कार्य किया है। वास्तव में यह कार्य सराहनीय है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि दूसरे किसान भी अब गौठानों में पैरा दान करने आगे आएंगे।
रिपोर्ट घासीराम पात्र ibn24x7news छत्तीसगढ़