रिपोर्ट ब्यूरो
गोरखपुर। सत्र 1. प्रो. दिव्या रानी सिंह ने “छोटे कृषि व्यवसाय के लिए व्यवसाय योजना की जरूरत” विषय पर पहले सत्र में वक्ता के रूप में प्रो. आर.पी सिंह का स्वागत किया। वाणिज्य विभाग के प्रो. आर.पी. सिंह ने भारत की आर्थिक और सामाजिक समृद्धि को बढ़ावा देने में कृषि क्षेत्र की भूमिका का संक्षेप में उल्लेख किया। अपने संबोधन के दौरान, उन्होंने छोटे कृषि व्यवसाय के लिए आवश्यक व्यवसाय नियोजन पर ध्यान केंद्रित किया।
उन्होंने सरकार की योजनाऐ जैसे आत्मनिर्भर कृषक समन्वय विकास योजना, प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना, कृषि विज्ञान केंद्र, उत्तर प्रदेश किसान कल्याण मिशन के बारे में भी बताया। उन्होंने सहकारी विपणन, खाद्य प्रौद्योगिकी प्रबंधन और पर्यावरण प्रबंधन जैसे समसामयिक मुद्दों के बारे में भी चर्चा की।
इसके अलावा उन्होंने किसान विकास केंद्र, दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय द्वारा एफपीओ के गठन और प्रचार का उल्लेख किया। टाटा और महिंद्रा एंड महिंद्रा समूह द्वारा अपनाए गए हब और स्पोक मॉडल का भी उल्लेख किया।
सत्र-2. डॉ. मनीष कुमार श्रीवास्तव ने कार्यशाला के एक और वक्ता डॉ. राहुल कुमार सिंह, वैज्ञानिक (कृषि विस्तार), महायोगी गोरखनाथ कृषि विज्ञान केंद्र, गोरखपुर का स्वागत किया। डॉ राहुल ने आधुनिक एफपीओ की उत्पत्ति, उद्देश्य और महत्व पर चर्चा की। उन्होंने एफपीओ को 21वीं सदी का कृषि क्षेत्र में सबसे बड़ा आविष्कार बताया। उन्होंने कृषि विज्ञान केंद्र की भूमिका और इसके प्रति दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की बदलती भूमिका पर सटीक विचार-विमर्श किया।
उन्होंने छोटे और सीमांत किसानों की बाजार दक्षता को बढ़ावा देने पर भी ध्यान केंद्रित किया। इसके अलावा एफपीओ की पंजीकरण प्रक्रिया, निदेशक मंडल और शेयरधारकों के मानदंड आदि पर विस्तार से चर्चा की। अंत में अपने निष्कर्ष वक्तव्य में डॉ सिंह ने आधुनिक एफपीओ को किसानों की समृद्धि के लिए एक अहम पूंजी के रूप में परिभाषित किया।
डॉ मनीष कुमार श्रीवास्तव, पाठ्यक्रम समन्वयक ने धन्यवाद प्रस्ताव के साथ सत्र का समापन किया।