ब्यूरो रिपोर्ट विकाश चन्द्र अग्रहरी IBN NEWS मिर्ज़ापुर
मीरजापुर। उत्तर प्रदेश से लेकर बिहार राज्य में संचालित फर्जी फाइनेंस कंपनी कथित तौर पर “नेशनल फाइनेंस एंड ट्रेडिंग कंपनी” के संचालनकर्ता पर मुकदमा दर्ज होते ही बौखलाहट छा गई जिसके बाद संचलनकर्ता ने पत्रकार मंगल तिवारी पर स्थानीय लोगों की मदद से दबाव बनाना शुरू किया।
जब यहां भी दाल नही गली तो उसने अपने एक अनुयाई को पत्रकार से समझौता कराने को लेकर पीछे लगाया। मो. से पत्रकार को कई बार फोन भी आया।अपने आपको मयंक मिश्रा का नजदीकी और बड़ा भाई जैसा बताने वाले अभिलाष मिश्रा ने 10 दिन के प्रयास के बाद बीते गत 02 फरवरी 2021 शाम लगभग साढ़े 4 बजे मीरजापुर के एक दैनिक अखबार के कार्यालय में जाकर मंगल तिवारी से मुलाकात की और मा. न्यायालय में विचाराधीन मु0 अपराध संख्या 240/2019 पर सुलह समझौता का दबाव बनाते हुए आगे उक्त फर्जी फाइनेंस कंपनी के बारे में कोई खबर प्रकाशित न करने की सलाह दी। बताया जाता है कि इस पर भी बात नहीं बनी तो उक्त अभिलाष मिश्रा ने वाराणसी जनपद के थाना जैतपुरा में जाकर पत्रकार को फंसाने की साजिश रचते हुए एक मारपीट का एक शिकायती पत्र दे डाला।
जिसकी जानकारी तब हुई जब वहां के निरीक्षक द्वारा फोन नंबर 9454 408385 से 12 फरवरी 2021 समय दिन के11:55 पर पत्रकार मंगल तिवारी के मोबाइल नंबर 94 54711 980 पर फोन आया। पत्रकार के अनुसार कॉलर ने अपने को इंस्पेक्टर जैतपुरा बताते हुए शिकायती मामले से अवगत कराते हुए वाराणसी के चौकाघाट में कोई मारपीट करते का जिक्र करते हुए पूछताछ की गई। जबकि मान्यता प्राप्त पत्रकार मंगल तिवारी इस बीच वहां गए ही नहीं, और मामला फर्जी पूर्णतः जान पड़ता है। इस मामले से एक बात स्पष्ट है कि सच्ची पत्रकारिता पूर्ण रूप से जोखिम भरा होता है।
ज्ञात हो कि मंगल तिवारी द्वारा गत वर्ष 2019 में 15 अक्टूबर को एक फर्जी फाइनेंस कंपनी के बारे में लेख लिखा गया था जो लखनऊ के एक सम्मानित हिंदी दैनिक में मुख्य पृष्ठ पर प्रकाशित हुई थी जिसके बाद से मामला चर्चे में है। वहीं घटना का संज्ञान भारतीय प्रेस परिषद दिल्ली ने भी लिया है और उत्तर प्रदेश शासन में पदासीन उच्च अधिकारियों से भी पत्राचार जारी है।बताया जाता है कि आरोपित के भाई जिले के एक थाने में कई साल से दीवान हैं जो मामले को उच्च अधिकारियों तक पहुंचने ही नहीं देते।