पीलीभीत: कलेक्ट्रेट कर्मचारियों ने विभिन्न मांगों को पूरा नहीं किए जाने के विरोध में कलेक्ट्रेट परिसर में धरना दिया। कर्मचारियों का आरोप है कि पिछले काफी समय से मांगों को लेकर विरोध जताया जा रहा है, लेकिन शासन स्तर से कर्मचारियों की मांगें जस की तस बनी हुई है। जिससे कर्मचारियों में रोष व्याप्त है।
कलेक्ट्रेट कर्मचारियों की ओर से 24 सूत्रीय मांगों को पिछले काफी लंबे समय से निस्तारण नहीं किए जाने पर विरोध जताया जा रहा है। बुधवार को कर्मचारियों ने कलेक्ट्रेट परिसर में धरना दिया। उसके बाद मुख्यमंत्री के नाम संबंधित ज्ञापन डीएम वैभव श्रीवास्तव को सौंपा। कर्मचारियों की मांग है कि कलेक्ट्रेट का नाम मिनी जनपद सचिवालय रखा जाए, लिपिक संवर्ग के कर्मचारियों को नायब तहसीलदार के 10 प्रतिशत पदों पर प्रोन्नति प्रदान की जाए, नवीन पेंशन योजना को समाप्त कर पुरानी पेंशन योजना को लागू किया जाए, लेखा का कार्य करने वाले पटल सहायकों को लेखा संवर्ग का वेतनमान दिए जाने का शासनादेश निर्गत किया जाए, भूलेख लिपिक को पूर्व की तरह कलेक्ट्रेट अधिष्ठान में वापस किए जाने के लिए शासनादेश लागू किया जाए, समान कार्य के लिए समान वेतन के सिद्धांत के आधार पर कलेक्ट्रेट कर्मियों को भी सचिवालय के बराबर वेतन भत्ते दिए जाए, कलेक्ट्रेट व तहसील कार्यालयों को आधुनिक रूप से वातानुकूलित कराया जाए, पर्याप्त फर्नीचर व्यवस्था कंप्यूटर, फोटो स्टेट मशीन शुद्ध पेयजल आदि की व्यवस्था कराई जाए, चिकित्सा के लिए कैशलैस व्यवस्था लागू की जाए, चिकित्सा प्रतिपूíत के रूप में मिलने वाली धनराशि को आयकर आकलन में सम्मलित न किया जाए आदि मांगें शमिल थी। कर्मचारियों का कहना है कि शासन स्तर से उनकी मांगें जस की तस पड़ी हुई है। जिन पर किसी तरह का कोई निस्तारण नहीं किया गया है। इस मौके पर जिला मंत्री अश्वनी कुमार राजा, जिलाध्यक्ष सोहन लाल पाल समेत तमाम कलेक्ट्रेट कर्मचारी मौजूद रहे।