ब्यूरो रिपोर्ट राकेश पाण्डेय IBN NEWS ग़ाज़ीपुर
गाजीपुर: स्थानीय रेलवे स्टेशन परिसर मे पिछले एक सप्ताह से भूख व बीमारी से जूझ रहे असहाय रिक्शा चालक को विकास पुरुष व लेफ्टिनेंट जनरल मनोज सिन्हा के बुजुर्ग रिश्तेदार ने दिया सहारा.इस बुजुर्ग के जज्बे को आपको भी सलाम करना चाहिए.
सिटी रेलवे स्टेशन पर ही पिछले 35 सालो से अकेले जीवन यापन करने वाले रामू ने 20 साल पहले रिक्सा चलाना शुरू किया. और किसी तरह जीवन यापन करता था. जो कोरोना काल मे हुई लम्बी बंदी मे बीमार पड़ गया.
इसी बीच पैसे की तंगी का हवाला देकर रामू के रिक्सा मालिक ने अपना रिक्सा भी बेच दिया. जिसके चलते रामू की बीमारी और फांकाकशी दोनो का सामना नही कर पाया और सिटी स्टेशन के परिसर मे बने नवीन शौचालय के बगल मे प्लास्टिक की चादर से छत बनाकर रह रहा था. यहा आने जाने वालो लोगो की कृपा से रामू का पेट तो भर जाता था लेकिन बीमारी बढ जाने से उसकी हालत असहाय हो गयी थी.
इस बात की जानकारी स्टेशन परिसर के बाहर मौजूद राय कालोनी निवासी पूर्व पुलिस कप्तान के 70 वर्षीय बुजुर्ग पुत्र रामजी राय को मिली. और श्री राय के प्रयास से असहाय को लेने सरकारी एम्बुलेंस तो पहुँच गयी लेकिन स्थानीय लोग रामू का सहयोग करने के बजाय उसे कोरोना होने की अफवाह फैलाकर सहयोग करने वालो को भडकाने लगे.
ऐसी हालत मे 70 वर्षीय श्री राय ने खुद असहाय रिक्सा चालक को सहारा दिया और एम्बुलेंस मे डलवा कर जिला अस्पताल भेजवाया ताकि इलाज मिलने से गरीब रिक्सा चालक की जान बचा जाय.
इस 70 वर्षीय बुजुर्ग ने 10 दिन से गंदगी के बीच मौत से जूझ रहे रिक्सा चालक को संक्रमित होने की अफवाह को नजरअंदाज कर यह साबित कर दिया कि इंसानियत अभी भी जिंदा है.