संवाददाता – मुदस्सिर हुसैन IBN NEWS मवई अयोध्या
✍️ प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट को भी लग रहा ग्रहण
✍️ आखिर क्यों नहीं हो रही सत्यता की जांच,
✍️ 707 शौचालयों में 150 अभी अधूरे
✍️ अधिकारी नहीं ले रहे संज्ञान,आखिर जिम्मेदार कोन
मवई अयोध्या – ब्लॉक मवई के ग्राम कसारी में स्वच्छ भारत मिशन के शौचालयों में काफी गड़बड़झाला है जिसके शिकायत मुख्यमंत्री तक से हो रही किन्तु जिम्मेदार मामले की लीपापोती करने में लगे।गत सोमवार को इसी संबंध में 20 सदस्यीय जांच टीम आई लेकिन जांच की औपचारिकता तक निभाने का टीम नहीं किया अपने अधिकारी के मौके पर आने के बहाने टीम दोपहर दो बजे तक गांव में मंडराती रही और उसके बाद वापस चली गई उस दिन दो कर्मचारियों ने अपना फर्ज तो अदा किया लेकिन जब 18 कुछ नहीं किए तो दो को क्या समझा जाए। टीम के रवैए से असंतुष्ट शिकायत कर्ता ने दूसरे तहसील समाधान दिवस में पुनः शिकायत किया है
जिसके संबंध में अभी तक जिम्मेदारों द्वारा कोई कदम नहीं उठाया गया है। सोमवार को जब सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) विकास चंद्र दुबे से बात हुई तो उन्होंने पत्रकारों को वहां मौजूद होना कारण बता दिया कि इस कारण से हमारी टीम वापस हो गई उन्होंने कहा था कि चुनावी माहौल चल रहा है
यदि बाद विवाद हो जाए और मामला लंबा बढ़ जाए तो जिम्मेदार कौन होगा,अब एक जिम्मेदार अधिकारी को कौन समझाए कि पुलिस ब्यवस्था किस लिए है।जब उनसे कहा गया कि आपके कहने का मतलब है कि पत्राकारों को आप दोषी मान रहे हैं इसलिए नहीं जांच हुई तो साहब फिर पलट गए कहा नहीं वीडियो साहब छुट्टी पर हैं उनके आने के बाद कोई समय निर्धारण के बाद अगला कदम उठाया जाएगा। फिलहाल इस बार भी शिकायत कर्ता ने शिकायती पत्र में दर्शाया है कि गांव में स्वच्छ भारत मिशन के 707 शौचालय गांव को आए हैं जिनमें से 150 शौचालय अधूरे पड़े हैं
तथा कुछ में पति-पत्नी को अलग शौचालय दिया गया है तो यह भी मौखिक जानकारी मिली है कि कुछ लोगों के शौचालय के पैसे प्रधान द्वारा निकाल लिया गया था अब शिकायत के बाद रातों रात शौचालय बनवाए जा रहे हैं।यही नहीं कथित सूचना तो यह भी मिली की कसारी में बाबा मोहन दास की कुटी भी जहां का बाउंड्री वॉल तो होगा किन्तु अभी तक न प्लास्टर हुआ और न गेट ही लगवाया गया है गेट बनकर तो आ गया लेकिन आज तक लगा नहीं उसे जंग खा रहे हैं।
नवीन शिकायत के बारे वीडियो या किसी अधिकारी से बात की जाएगी तो कोई नया बहाना सामने आएगा। जबकि हकीकत यह है कि जब गड़बड़झाला सामने आ ही गया है तो कार्रवाई होनी चाहिए लेकिन जिम्मेदार प्रधान को बचाने का काम कर रहे हैं तभी लीपापोती हो रही है।यही नहीं इसी बिकास खंड के बिहारा गांव में यदि शौचालयों आदि की जांच की जाए तो वहां भी भारी गड़बड़झाला मिलेगा। लेकिन ये अक्सर देखा जाता है कि प्रधानों के विरुद्ध शिकायत चाहे जितनी करो कार्रवाई बहुत कम ही होती है।