ब्यूरो रिपोर्ट तीरथ पनिका IBN NEWS अनूपपुर मध्यप्रदेश
कोतमा — यातायात विभाग अनूपपुर व संकल्प महाविद्यालय ग्रुप के छात्र छात्राओं के द्वारा जिले में चल रहे 32 वें सड़क सुरक्षा माह 18 जनवरी से 17 फरवरी तक यातायात नियमों की जानकारी व जन जागरूकता लाने हेतु पूरे जिले में नुक्कड़ नाटक के माध्यम से सड़क पर चलने वाले दो पहिया,चार पहिया व बड़े वाहन चालकों को सड़क सुरक्षा के नियमो की जानकारी नुक्कड़ नाटक के माध्यम से दी गई।
इस 32वे सड़क सुरक्षा माह व जनजागरूकता अभियान का आयोजन आज कोतमा नगर में हुआ जिसमें संकल्प महाविद्यालय के प्रबंधक अंकित शुक्ला व यातायात प्रभारी अमित विश्वकर्मा के देखरेख में महाविद्यालय के छात्र छात्राओं का ग्रुप के नुक्कड़ नाटक का यह कार्यक्रम कोतमा नगर में आयोजित किया गया। यातायात विभाग द्वारा सर्वप्रथम बालिका उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में बालिकाओं को सड़क सुरक्षा के नियम व यातायात नियमो की जानकारी दी गयी।
संकल्प पैरामेडिकल कॉलेज अनूपपुर के स्टाफ एवम डॉक्टरों द्वारा विद्यालय की छात्राओं का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया गया। बालिका उच्चतर माध्यमिक विधालय के जनजागरूकता कार्यक्रम के बाद कोतमा बस स्टैंड प्रांगण मे महाविद्यालय के छात्र छात्राओं द्वारा जन जागरूकता का सन्देश दिया गया। यातायात प्रभारी सूबेदार अमित विश्वकर्मा ने जानकारी दिया कि यातायात विभाग द्वारा 32वें सड़क सुरक्षा माह 18 जनवरी से 17 फरवरी तक का जनजागरूकता पखवाड़ा चल रहा है,
हमारा उद्देश्य सड़क पर चलने वाले वाहन चालकों में जनचेतना लाना उद्देश्य है, ताकि सुरक्षित यात्रा करे व शराब का सेवन कर वाहन न चलाये ,हेलमेट लगाकर दोपहिया वाहन चलाये,साइड लेते समय इंडिकेटर या हाथ का इशारा दें,सीमित गति में वाहन चलाये,भीड़भाड़ वाले इलाकों में गति सीमा कम रखें, यात्रा करते समय ड्राइविंग लायसेंग गाड़ी के पेपर इन्सुरेंस डॉक्यूमेंट साथ रखे साथ ही ओव्हर टेकिंग के चक्कर मे अपनी जान जोखिम में न डाले अपनी व अपने परिवार की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुये सुरक्षित व सुखमयी यात्रा करें।
संकल्प महाविद्यालय के छात्र छात्राओं द्वारा नुक्कड़ नाटक के माध्यम से सुंदर प्रस्तुति दी गयी। यातायात नियमो के साथ बच्चियों के साथ हो रहे सामाजिक अपराध के बारे में भी नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति दी गयी व बालिकाओं को सम्मान की दृष्टि से देखें व उनकी सुरक्षा के लिए समाज का हर तबके के लोग आगे आये यह सन्देश भी नुक्कड़ नाटक के माध्यम से दिया गया।