रिपोर्ट कंवलजीत सिंह सैनी ibn24x7news इंदौर
स्वच्छ भारत मिशन के तहत मोदी सरकार ने शौचालय निर्माण करा पूरे देश को शौच मुक्त करने का सपना पाले हुए है। मिशन को पूरा करने के लिए पैसा पानी की तरह भी बहाया जा रहा है। लेकिन प्रधानमंत्री के सपने को विभागीय अधिकारी ही चकनाचूर कर रहे है। उनके क्रियाकलाप को देख मिशन पूरा होते नहीं दिखाई दे रहा है।
मानिकपुर विकासखंड के गावों में शौचालय का पूर्ण निर्माण ही नहीं हुआ कि भ्रष्ट अधिकारी पूरा विकासखंड को ही ओडीएफ लगभग घोषित कर दिये। अधिकारियों के इस रवैये से ग्रामीणों में काफी रोष व्याप्त है। जबकि वास्तविक धरातल पर ऐसा कुछ भी नहीं है। अभी इन दिनों विकासखंड के अधिकांश गांवों में शौचालय का निर्माण पूरा नहीं हुआ है। बावजूद पूरे विकासखंड के गांवों को शौच से मुक्त कर दिया गया। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक जिले और विकासखंड में भ्रष्ट अधिकारी कार्यरत रहेगें। तबतक शौचालय निर्माण में पारदर्शिता नहीं आयेगी। क्षेत्र के बगदरी, शेखापुर, नागर, , सकरौंहाँ, चमरौहां, रानीपुर,केशरुआ- केकरामार,हरजनपुर,सेमरदहाँ,आदि गांव में शौचालय की कमी से ग्रामीण खुले में ही शौच करने को मजबूर है। जबकि विभागीय आकड़ों पर इन गांवों में शौचालय बनाकर ओडीएफ कर दिया गया।
ग्रामीणों का आरोप ग्राम पंचायत प्रधान अपने चहेतों को ही सरकारी योजनाओं का फायदा देते हैं। और ग्राम पंचायतों में पुराने शौचालयों को ही नए शौचालय बना कर दिखा दिया गया है। जबकि हकीकत यह है कि जिन लोगों के पास शौचालय पहले से बन गये थे। उन्हीं शौचालयों का प्रधान ने रंग रोगन करवा नया शौचालय का रूप देकर सरकारी धन को अपने चहेतों को दे दिया। जिससे पात्र लाभार्थी आज भी शौचालय नहीं बनवा पाए हैं।
हरजनपुर के ग्रामीण नंदकिशोर बताते हैं कि उन्हें आज तक किसी भी योजना का कोई लाभ नहीं मिला है। ना तो शौचालय और ना ही प्रधानमंत्री आवास, लगातार प्रधान व सचिव से कहने के बावजूद भी आज तक प्रधान व सचिव ने नहीं दिलाया,वृद्धा पेंशन के लिए ऑनलाइन करा कर ग्राम पंचायत सचिव के पास में जमा करवा दिया गया था लेकिन आज तक वृद्धा पेंशन कभी नहीं मिली है।किसी भी सरकारी योजना का किसी भी प्रकार का लाभ मुझे नहीं मिला हैं। हम गरीबों की कौन सुनेगा।
ग्राम पंचायत सकरौंहाँ में सुधीर पाण्डेय पुत्र रामबरन पाण्डेय ने बताया कि ग्राम पंचायत सकरौंहाँ में शौचालय निर्माण में प्रधान एवं सचिव ने जमकर सरकारी धन को आपस में बंदरबांट किया है।जिसकी शिकायत मैं कई बार लिखित रूप से आईजीआरएस के माध्यम से ऑनलाइन किया था। लेकिन संबंधित जिम्मेदार अधिकारियों ने उचित जांच नहीं किया। और उच्च अधिकारियों को यह बता कर अपना पल्ला झाड़ लिया कि शिकायतकर्ता झूठी शिकायत करता है। और गुजरात में रहता है। और मेरे गांव में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है वह चाहे मेडबंदी कार्य हो या शौचालय निर्माण, और मॉडल विद्यालय में भी सरकारी धन को जिम्मेदारों ने खूब डकारा है।
जिसकी जांच आज तक किसी भी जिम्मेदार अधिकारी ने नहीं किया मेरा मानना है कि अगर जिला अधिकारी चित्रकूट निष्पक्ष जांच ग्राम पंचायत की करवा दे तो कई बड़े जिम्मेदार भ्रष्ट अधिकारी व ग्राम पंचायत प्रधान एवं प्रधान के चहेते सलाखों के पीछे चले जायेंगे।और उन सभी भ्रष्टाचारियों के खिलाफ लगातार माने शिकायतें किया संबंधित अधिकारियों से लेकिन भ्रष्टाचारियों पर कोई परिवर्तन नहीं हुआ अधिकारियों की सांठगांठ की वजह से आज भी गांव में सरकारी धन की खुली लूट हो रही है।
R T I के माध्यम से मैंने ग्राम पंचायत के विकास कार्यों का ब्यौरा मांगा था लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों ने जमकर हीला हवाली की और राज्य सूचना आयोग लखनऊ के आदेश के बाद भी खंड विकास अधिकारी 14 अगस्त को 2019 राज्य सूचना आयोग में उपस्थित नहीं हुए।
उपस्थित ना होने का कारण मुझे लग रहा है कि गांव में विकास के नाम पर बहुत बड़ा घोटाला किए हुए हैं। अधिकारी व ग्राम पंचायत प्रधान ने लेकिन राज्य सूचना आयोग RTI की अगली सुनवाई 26 दिसंबर 2019 सुनिश्चित की है। अब देखना यह है कि जिम्मेदार अधिकारी क्या राज्य सूचना आयोग लखनऊ के माध्यम से ग्राम पंचायत के विकास कार्यों का विवरण मुझे दिलवा आएंगे या नहीं।